कविता-विचार मीमांसा
विचार-मीमांसा जब मूर्त रूप लेंगे विचार तब तेज पुंज विकसित होगा , कलि के कलुषी मतभेदों पर फिर वज्र ज्वाल वृष्टित होगा , मन-बुद्धि-चित्त तीनों मिलकर सच्चाई को पहचानेंगी, मृगतृष्णा रुपी आडम्बर को कुण...