कविता- कर्म पथ

कर्म-पथ पथ प्रदर्शन मार्ग, दृष्टी कर्म पथ से जोड़ लेना, हर मुसीबत आंक लेना पथ को पहले भांफ लेना, और धरती से गगन का रास्ता तुम नाप लेना।। पथ प्रदर्शन .......... सत्यता पर अडिग होकर कर्म-पथ पर जो चले हैं, मार्ग की कठिनाइयों को तोड़कर आगे बढ़े हैं, बस उन्ही को देखकर निज मार्ग अपना समझ लेना।। पथ प्रदर्शन ........... मार्ग की कठिनाइयों में जीत हर इक है तुम्हारी, हर मुसीबत गा रही है जीत है तेरी कहानी, बस मुसीबत देखकर निज पैर पीछे कर न लेना।। पथ प्रदर्शन ............ ...